48 thousand hiv aids patient in punjab
पंजाब में एड्स के 48 हजार मरीज - Jagran.com ki report.
::खतरनाक:: -अमृतसर जिले में सबसे ज्यादा 9047, जबकि फाजिल्का में सबसे कम 460 मरीज -पंजाब स्टे
अमृतसर 9047
लुधियाना 6373
जालंधर 4761
पटियाला 4294
बठिंडा 2465
गुरदासपुर 2228
पठानकोट 2144
तरनतारन 2059
फिरोजपुर 2016
होशियारपुर 1810
फरीदकोट 1537
मोगा 1462
कपूरथला 1416
संगरूर 1045
रूपनगर 927
मानसा 729
मोहाली 718
नवाशहर 712
मुक्तसर 689
बरनाला 581
श्री फतेहगढ़ साहिब 535
फाजिल्का 460
(स्रोत: पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी।) ज्यादा हो सकती है वास्तविक संख्या
पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के ज्वाइंट्स डायरेक्टर डॉ. विनय मोहन का कहना है कि यह आकड़े सेहत विभाग के अधीन अस्पतालों में मरीजों के इलाज या टेस्ट करवाने वालों के हैं। एड्स मरीजों की संख्या इससे अधिक हो सकती है। एड्स का टेस्ट अपने तौर पर ही करवाया जाता है। विभाग की तरफ से जबरदस्ती नहीं किया जा सकता। इसलिए कई लोग सामने नहीं आते।
मुफ्त टेस्ट से भी करराते हैं पीड़ित, एचआइवी मरीजों की संख्या 66590 जगदीश कुमार, जालंधर: पंजाब में एड्स का दानव शात नहीं हो रहा है। हर साल हजारों की तादाद में नए मरीज तैयार हो रहे हैं। जागरूकता के अभाव के चलते लोग सरकारी अस्पतालों में होने वाले मुफ्त एचआइवी टेस्ट करवाने से भी कतरा रहे हैं। राज्य में एचआइवी मरीजों की संख्या 66590 तक पहुंच गई है। राज्य सरकार की ओर से मुफ्त की सुविधा के बावजूद मरीज सेवाएं लेने में असमर्थ हैं।
जुलाई 2018 तक एचआइवी के आकड़े
-2015 से पंजाब में एचआइवी एड्स के साथ जीवन बसर करने वाले लोगों की संख्या: 36794
-1993 से जुलाई 2018 तक आइसीटीसी के अनुसार एचआइवी मरीज: 66590
-एचआइवी केयर में पंजीकृत एचआइवी मरीज: 54365
-एआरटी शुरू कर चुके मरीज: 41864
-वर्तमान में एआरटी ले रहे मरीज: 29771 इन कारणों से फैल सकता है एडस
-असुरक्षित यौन संबंध इसका सबसे प्रमुख कारण है।
-बिना जाच का खून मरीज को देना भी एड्स फैलाने का माध्यम है।
-नशीले पदार्थ लेने वाले लोग भी एड्स ग्रस्त होते हैं। वे एक-दूसरे की सीरिंज-नीडल का इस्तेमाल कर बीमारी को फैलाते हैं।
-गर्भवती मा से पैदा होने वाला बच्चा भी एड्स ग्रस्त हो सकता है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार बच्चे को बीमारी से बचाया जा सकता है।
-डॉ. एल्फर्ड, आइसीटीसी जालंधर के प्रभारी ऐसे नहीं होता एड्स
एड्स रोगी के साथ बैठक खाना खाने से। चुंबन लेने से। हाथ मिलाने से। एड्स ग्रस्त रोगी के बाद दूसरे लोगों को मच्छर के काटने से। प्रमुख लक्षण
भार में कमी होना। 30-35 दिन से ज्यादा डायरिया रहना। लगातार बुखार बना रहना प्रमुख लक्षण है। प्रतिरोधक शक्ति कम होने से एचआइवी के साथ टीबी व काला पीलिया का खतरा बढ़ जाता है।
::खतरनाक:: -अमृतसर जिले में सबसे ज्यादा 9047, जबकि फाजिल्का में सबसे कम 460 मरीज -पंजाब स्टे
-अमृतसर जिले में सबसे ज्यादा 9047, जबकि फाजिल्का में सबसे कम 460 मरीज
-पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के आंकड़ों से सामने आई भयावह तस्वीर
जय सिंह छिब्बर, चंडीगढ़: नशे के साथ-साथ एड्स जैसी गंभीर व लाइलाज बीमारियां भी पंजाब की जवानी को तबाह कर रही हैं। नशे के मुद्दे पर पिछले कई सालों से जमकर राजनीति हो रही है, लेकिन पंजाब में कई गंभीर बीमारियों के बढ़ रहे प्रभाव के बारे में राजनीतिज्ञों समेत समाज का बड़ा वर्ग चुप है। सेहत एवं परिवार कल्याण विभाग की एजेंसी पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी से प्राप्त आकड़े बताते हैं कि सूबे में 48008 लोग एड्स की लाइलाज बीमारी से पीड़ित हैं। इसके अलावा पिछले 25 माह के दौरान 48737 मरीज काला पीलिया (हेपेटाइटिस सी) से पीड़ित हैं।
सेहत एवं परिवार कल्याण विभाग पंजाब के आंकड़े बताते हैं कि गुरुनगरी अमृतसर में सबसे अधिक 9047 लोग एड्स से पीडित हैं, जबकि दूसरा नंबर लुधियाना का है, जहां 6373 एड्स रोगी हैं। फाजिल्का जिले की हालत अच्छी है। यहां सिर्फ 460 रोगियों की पहचान हुई है। यह आंकड़े सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाने आए हैं या टेस्ट किए गए हैं। सूत्र बताते हैं कि एड्स रोगियों की संख्या इससे भी अधिक होने से इन्कार नहीं किया जा सकता। कहां कितने मरीजअमृतसर 9047
लुधियाना 6373
जालंधर 4761
पटियाला 4294
बठिंडा 2465
गुरदासपुर 2228
पठानकोट 2144
तरनतारन 2059
फिरोजपुर 2016
होशियारपुर 1810
फरीदकोट 1537
मोगा 1462
कपूरथला 1416
संगरूर 1045
रूपनगर 927
मानसा 729
मोहाली 718
नवाशहर 712
मुक्तसर 689
बरनाला 581
श्री फतेहगढ़ साहिब 535
फाजिल्का 460
(स्रोत: पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी।) ज्यादा हो सकती है वास्तविक संख्या
पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के ज्वाइंट्स डायरेक्टर डॉ. विनय मोहन का कहना है कि यह आकड़े सेहत विभाग के अधीन अस्पतालों में मरीजों के इलाज या टेस्ट करवाने वालों के हैं। एड्स मरीजों की संख्या इससे अधिक हो सकती है। एड्स का टेस्ट अपने तौर पर ही करवाया जाता है। विभाग की तरफ से जबरदस्ती नहीं किया जा सकता। इसलिए कई लोग सामने नहीं आते।
मुफ्त टेस्ट से भी करराते हैं पीड़ित, एचआइवी मरीजों की संख्या 66590 जगदीश कुमार, जालंधर: पंजाब में एड्स का दानव शात नहीं हो रहा है। हर साल हजारों की तादाद में नए मरीज तैयार हो रहे हैं। जागरूकता के अभाव के चलते लोग सरकारी अस्पतालों में होने वाले मुफ्त एचआइवी टेस्ट करवाने से भी कतरा रहे हैं। राज्य में एचआइवी मरीजों की संख्या 66590 तक पहुंच गई है। राज्य सरकार की ओर से मुफ्त की सुविधा के बावजूद मरीज सेवाएं लेने में असमर्थ हैं।
जुलाई 2018 तक एचआइवी के आकड़े
-2015 से पंजाब में एचआइवी एड्स के साथ जीवन बसर करने वाले लोगों की संख्या: 36794
-1993 से जुलाई 2018 तक आइसीटीसी के अनुसार एचआइवी मरीज: 66590
-एचआइवी केयर में पंजीकृत एचआइवी मरीज: 54365
-एआरटी शुरू कर चुके मरीज: 41864
-वर्तमान में एआरटी ले रहे मरीज: 29771 इन कारणों से फैल सकता है एडस
-असुरक्षित यौन संबंध इसका सबसे प्रमुख कारण है।
-बिना जाच का खून मरीज को देना भी एड्स फैलाने का माध्यम है।
-नशीले पदार्थ लेने वाले लोग भी एड्स ग्रस्त होते हैं। वे एक-दूसरे की सीरिंज-नीडल का इस्तेमाल कर बीमारी को फैलाते हैं।
-गर्भवती मा से पैदा होने वाला बच्चा भी एड्स ग्रस्त हो सकता है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार बच्चे को बीमारी से बचाया जा सकता है।
-डॉ. एल्फर्ड, आइसीटीसी जालंधर के प्रभारी ऐसे नहीं होता एड्स
एड्स रोगी के साथ बैठक खाना खाने से। चुंबन लेने से। हाथ मिलाने से। एड्स ग्रस्त रोगी के बाद दूसरे लोगों को मच्छर के काटने से। प्रमुख लक्षण
भार में कमी होना। 30-35 दिन से ज्यादा डायरिया रहना। लगातार बुखार बना रहना प्रमुख लक्षण है। प्रतिरोधक शक्ति कम होने से एचआइवी के साथ टीबी व काला पीलिया का खतरा बढ़ जाता है।
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